सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
शनिवार को 19 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ठाकुरगंज द्वारा लिंग संवेदीकरण से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें राहत संस्था किशनगंज की सचिव डॉ फ़रजना बेगम ने बतौर मुख्य वक्ता के रुप में एसएसबी अधिकारियों, महिला व पुरुष कर्मियों तथा जवानों के बीच लिंग संवेदीकरण के विषय पर अपना मंतव्य दिया। डॉ फरजाना बेगम ने कहा कि कार्यशाला का विषय अपने आप में ही एक महत्वपूर्ण विषय है। लिंग संवेदीकरण विषय के प्रति हम सब जागरूक तो हैं, लेकिन इस विषय की गंभीरता को भी महसूस करना अति आवश्यक है। लिंग संवेदीकरण का मुद्दा समझने का नहीं, बल्कि महसूस करने का है। यदि हम पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक अन्य क्षेत्रों में दिए जा रहे योगदान को सही ढंग से समझेंगे तो निसंदेह समाज में लिंग समानता और मजबूत होगी।
महिलाओं को भी अपने अंदर की शक्ति को जगाना होगा और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना होगा। मांगना नहीं हैं बल्कि हासिल करना है। उन्होंने कहा कि आज की महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही हैं। चाहे वह शिक्षा को क्षेत्र हो, चिकित्सा को क्षेत्र हो, खेल का मैदान हो, सेना का क्षेत्र या अन्य कोई क्षेत्र हो। सभी क्षेत्रों में महिलाएं अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं।
इस दाैरान बटालियन के कार्यवाहक कमांडेंट जयप्रकाश ने कार्याशाला में मौजुद एसएसबी अधिकारियों व जवानों से उम्मीद जताई कि वे कार्यशाला के बाद लोगों को भी इस मुद्दे बारे में संवेदनशील बनाएंगे ताकि वे लिंग समानता के प्रति गंभीर हो सकें। उन्होने कहा कि समाज में फैली लिंग असमानताओं को दूर करने के लिए जनजागरण का सहारा लिया जाना चाहिए। समाज में लड़की और लड़के की परवरिश में भी किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए।
इस मौके पर उप कमांडेंट डॉ भारत कुमार चौधरी, उप निरीक्षक नरेश कुमार, उप निरीक्षक दिनकर कुमार मिश्रा, मुख्य आरक्षी आलोक कुमार, आरक्षी राजेश खन्ना, महिला आरक्षियों में जमलावती, गुंजन कुमारी, मालविका दास, सरस्वती हलदार, सुनीता सिंहा, बेधी कुमारी, मनीषा कुमारी आदि सहित बटालियन मुख्यालय के कर्मी एवं अन्य पुरूष व महिला जवान मौजुद थे।