सारस न्यूज़, अररिया।
जिला कार्यक्रम कार्यालय, अररिया के प्रांगण में पोषण पखवाड़ा 2025 के तहत जिला स्तरीय जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को पोषण के महत्व, स्वस्थ जीवनशैली और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों के जीवन के पहले हजार दिनों को पोषण के दृष्टिकोण से सुरक्षित और समृद्ध बनाने, पोषण ट्रैकर पर लाभार्थियों के स्वयं पंजीकरण की प्रक्रिया, सी-सैम मॉड्यूल के माध्यम से कुपोषण प्रबंधन, मोटापे से निपटने के लिए संतुलित जीवनशैली अपनाने, और मिशन लाइफ के तहत पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।


कार्यक्रम की खास बात रंगोली के माध्यम से पोषण जागरूकता फैलाना रहा, जो लोगों को सरल और प्रभावी तरीके से संदेश देने का माध्यम बना। लाभार्थी मॉड्यूल के तहत यह बताया गया कि अब कोई भी व्यक्ति पोषण ट्रैकर की वेबसाइट पर जाकर अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र से सेवाएं प्राप्त करने हेतु स्वयं ऑनलाइन पंजीकरण कर सकता है।
सी-सैम मॉड्यूल के जरिये समुदाय स्तर पर कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने, माता-पिता को जागरूक करने और सेविकाओं को प्रशिक्षण देने जैसे कार्यों को बल दिया गया। बच्चों में बढ़ते मोटापे से निपटने के लिए जीवन में संतुलन और पोषणयुक्त आहार को अपनाने की अपील की गई।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्रीमती मंजुला कुमारी व्यास ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए जंक फूड जैसे नूडल्स, बिस्किट, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक आदि से परहेज करने की सलाह दी। साथ ही, मिशन लाइफ और आगामी विश्व पर्यावरण दिवस 2025 को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण स्वच्छता पर भी जोर दिया गया। इस अवसर पर कार्यालय परिसर में आम और आंवला के पौधे भी लगाए गए।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक हेल्थ चेकअप कैंप भी लगाया गया, जिसमें एनीमिया, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
इस मौके पर जिला समन्वयक (एनएनएम) श्री कुणाल श्रीवास्तव, जिला परियोजना सहायक श्री अखिलेश कुमार, मिशन समन्वयक श्री सोएब रूमी, लैंगिक विशेषज्ञ श्री अनुज रंजन, महिला पर्यवेक्षिकाएं और आंगनवाड़ी सेविकाएं भी मौजूद थीं।
