बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) अंतर्गत उद्यानिक फसल अनानास उत्पाद की प्रसंस्करण यूनिट लगाने के लिए किशनगंज जिले का चयन किया गया है। आत्मनिर्भर भारत आत्मनिर्भर बिहार वोकल फॉर लोकल अभियान के तहत भारत सरकार ने किशनगंज जिला में अनानास फल के बढ़ते खेती व उत्पादन को देखते हुए एक जिला एक उत्पाद दृष्टिकोण के तहत चयन किया गया है। योजना का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से संबंधित असंगठित रूप में मौजूद व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा एवं निजी सूक्ष्म उद्योगों के क्षमता को प्रोत्साहित करना है। उक्त संबंध में कृषि विभाग, बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय ने मार्गदर्शन निर्गत करते हुए इच्छुक उद्यमी, एफपीओ, एसएचजी एवं सहकारी संस्थाओं को आमंत्रित की है। जिले में अनानास उत्पाद से संबंधित खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने वाले जिले के वैसे उद्यमी किसान जो पहले खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े हैं या अनानास उत्पाद का नया प्रसंस्करण लगाना चाहते हैं, वे पीएमएफएमई योजना में आवेदन कर लाभ ले सकते हैं। पात्रता रखने वाले व्यक्तिगत उद्यमी, किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूह एवं सहकारी संस्थाएं आवेदन करने के लिए भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर सर्वप्रथम अपना पंजीकरण करेंगे। तत्पश्चात आवेदन ईमेल के माध्यम से प्राप्त कर यूजर आईडी की सहायता से लॉगिन करके वेबसाइट पर दिए गए दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए प्रखंड स्तरीय उद्यान पदाधिकारी या जिला उद्यान कार्यालय, किशनगंज में मैं संपर्क किया जा सकता है।
बताते चलें कि इस योजना के तहत व्यक्तिगत निवेशक को परियोजना लागत का 35 प्रतिशत की दर से अथवा अधिकतम 10 लाख रूपये क्रेडिट लिंक अनुदान मिलेगा। स्वयं सहायता समूहों के प्रति सदस्यों को अधिकतम 40 हजार रूपये की प्रारम्भिक पूंजी प्रदान की जायेगी। इसके अलावा किसान उत्पादक संगठन को 35 प्रतिशत की दर से पूंजी अनुदान दिये जायेंगे। योजना के अंतर्गत लिए गए कर्ज पर गारंटी की सुविधा का लाभ नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट कंपनी द्वारा किया जाएगा। मार्केटिंग और ब्रांडिंग व्यय पर 50 फीसदी अनुदान सहायता दी जाएगी। बैंक ऋण एवं डीपीआर तैयार करने के लिए हैंड-होल्डिंग सहायता प्रदान की जाएगी। इच्छुक उद्यमी को उत्पादों के लिए ट्रेनिंग, कौशल प्रशिक्षण, खाद्य सुरक्षा मानकों एवं स्वच्छता के संबंध में गुणवत्ता सुधार के माध्यम से क्षमता निर्माण की व्यवस्था एवं तकनीकी सहायता दिए जाने का भी प्रावधान है। इससे लघु व्यवसाय को आर्थिक सहायता प्रदान करने और लोगों को रोजगार से जोड़े जा सकते हैं। इस योजना के माध्यम से जहाँ छोटी इकाइयाँ समृद्धि की ओर बढ़ेगी, वहीं सूक्ष्म उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। किसान खुशहाल होंगे। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
इस संबंध में जिला उद्यान पदाधिकारी डॉ रजनी सिन्हा बताती हैं कि पीएमएफएमई योजना में खाद्य प्रसंस्करण में नए सूक्ष्म उद्योग स्थापित करने एवं बढ़ावा देने के लिए किशनगंज जिला में एक जिला एक उत्पाद के तहत अनानास का चयन किया गया है जो जिले के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अनानास उत्पाद के लिए खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगने पर किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में इस योजना का अहम योगदान होगा।
