बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
बिहार रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) ने निबंधन विस्तार को लेकर महत्वपूर्ण गाइडलाइन जारी की है। रेरा में निबंधित जिन परियोजनाओं के नक्शे या प्लान की वैधता खत्म हो चुकी है या खत्म होने वाली है, उन्हें निबंधन का विस्तार तभी मिलेगा जब प्रमोटर यह सबूत देंगे कि उन्होंने नक्शे या प्लान की पुन: वैधता के लिए संबंधित प्लानिंग अथारिटी में आवेदन कर दिया है। इस आधार पर संबंधित प्रमोटर को अंतरिम रूप से तीन माह की अवधि के लिए निबंधन विस्तार दिया जाएगा। फिर से स्वीकृत नक्शा देने पर निबंधन विस्तार मिलेगा और ऐसा न करने पर उनके रेरा निबंधन को स्थगित कर दिया जाएगा।
नक्शा पास करेगी आर्किटेक्ट-इंजीनियर की टीम :- पटना महानगर क्षेत्र के बाहर बनने वाले अपार्टमेंट के प्रोजेक्ट को लेकर भी रेरा ने सख्त निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार, प्लानिंग एरिया के बाहर बनने वाले प्रोजेक्ट का वही नक्शा वैध माना जाएगा जिसे प्रमाणित आर्किटेक्ट के साथ सूचीबद्ध स्ट्रक्चरल इंजीनियर व सिविल इंजीनियर की टीम स्वीकृत करेगी। प्लाट डेवलपमेंट के रेरा में निबंधन से जुड़े पुराने मामलों को लेकर भी कुछ राहत दी गई है। इसके तहत जिन प्लाट डेवलपमेंट के मामले में वर्ष 2017 से पहले आवंटी के साथ रजिस्टर्ड डीड पूरी की गयी है, उन प्रोजेक्ट में मेरिट के आधार पर प्रमोटर-ग्राहकों का रेरा रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। अपार्टमेंट के मामलों में फिलहाल प्रावधान है कि रेरा रजिस्ट्रेशन के बिना प्रोजेक्ट में न तो कोई बुकिंग हो सकती है और न ही उसका प्रचार-प्रसार संभव है।
मालूम हाे कि बिहार में जमीन की कीमत बढ़ने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनियां फर्जीवाड़ा करने लगी थीं। बिल्डरों के आतंक के कारण मध्यम वर्गीय लोगों ने जान तक गवां दी थी। रेरा लागू होने के बाद निवेशकों का धन सुरक्षित है। जालसाजी की शिकायत पर रेरा बिल्डरों के खिलाफ न सिर्फ कड़ा रुख अपनाती है, बल्कि उनके कारनामों को समाचारपत्रों में प्रकाशित भी कराती है, ताकि दूसरे लोग झांसे में न फंसे।