सारस न्यूज टीम, पटना।
बिहार के ड्रग इंस्पेक्टरों पर सरकार की पूरी नजर है। पिछले दिनों सौंपे गए टारगेट में कितना काम हुआ है इसको लेकर ड्रग इंस्पेक्टरों को ब्यौरा सौंपने को कहा गया है। दवाओं की मनमानी कीमत, काला बाजारी पर रोक के लिए स्वास्थ्य विभाग नई कवायद में जुटा है। काम गंभीरता से हो और दवाओं की मनमानी कीमत, कालाबाजारी पर अंकुश लगे इसके लिए ड्रग इंस्पेक्टरों को महीने में कम से कम 20 दवा दुकानों के निरीक्षण के निर्देश भी बीते दिनों दिए गए थे। अब ड्रग इंस्पेक्टरों से तीन महीने की उपलब्धियों का ब्योरा तलब किया है। इन्हें बताना होगा कि महीने में कितनी दवा दुकानों का निरीक्षण किया। नियमों के विरूद्ध कारोबार करने वाले कितनों पर कार्रवाई की।
स्वास्थ्य विभाग दवाओं की मनमानी कीमत, कालाबाजारी पर रोक को औषधि नियंत्रण निदेशालय के अधीन मूल्य अनुश्रवण और संसाधन इकाई गठित करने की तैयारी में है। इसके पहले पुरानी व्यवस्था को दुरुस्त करना विभाग का पहला एजेंडा है। अनुश्रवण इकाई बनी तो दवाओं की मनमानी कीमत पर सख्ती से रोक लगाई जा सकेगी।
ड्रग इंस्पेक्टरों को महीने में कम से कम 20 दवा प्रतिष्ठानों के निरीक्षण के निर्देश दिए गए थे। आदेश कितना अमल में आया अब इसकी जांच की जा रही है। इस वजह से सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों से उनकी तीन महीने की उपलब्धि मांगी गई है।
जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को अपने रिपोर्ट में बताना होगा कि महीने में कितने दवा प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। गुणवत्ता से समझौता करने वाले कितने पर कार्रवाई की गई। उनके पास पुराने मामले कितने लंबित हैं और दवा दुकान खोलने के पूर्व ड्रग लाइसेंस के कितने आवेदन आए और कितनों को लाइसेंस दिए गए।
स्वास्थ्य सूत्रों ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टरों से प्रतिवेदन मिलने के बाद विभाग मूल्य अनुश्रवण और संसाधन इकाई गठित करने की दिशा में आगे कदम उठायेगा। ड्रग इंस्पेक्टरों को अपने प्रतिवेदन जल्द से जल्द विभाग को मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।