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उपराष्ट्रपति ने तेजी से हो रहे शहरीकरण को एक अवसर बताते हुए जन-केंद्रित शहरी नियोजन और विकास की जरूरत पर जोर दिया

Oct 6, 2021

सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।

हमारे शहर समावेशी शहर होने चाहिए जो शहरी गरीबों की बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें- उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने त्रिपुरा सरकार द्वारा आयोजित नागरिक स्वागत समारोह में भाग लिया
अगरतला में स्मार्ट सड़क परियोजनाओं का शुभारंभ किया
पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार होना चाहिए- उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने स्वयं सहायता समूहों और अन्य क्षेत्रों के सफलता हासिल करने वाले व्यक्तियों के साथ बातचीत की

उपराष्ट्रपतिश्री एम. वेंकैया नायडू ने आज तेजी से हो रहें शहरीकरण को एक अवसर के रूप में देखने का आह्वान किया और जन-केंद्रित शहरी नियोजन और विकास पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें यह देखना चाहिए कि हमारे शहर समावेशी शहर हों जो जलापूर्ति, सीवर कनेक्शन, आवास और बेहतर सेवा वितरण तक शहरी गरीबों की पहुंच बढ़ाकर उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करते हों।”

उपराष्ट्रपति ने ये टिप्पणियां त्रिपुरा सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित एक नागरिक स्वागत समारोह में की। इस अवसर पर श्री नायडू ने अगरतला शहर की सड़कों को स्मार्ट सड़कों में बदलने से संबंधित परियोजना का भी शुभारंभ किया।

श्री नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए अच्छी कनेक्टिविटी सबसे पहली जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे भूमिबद्ध पूर्वोत्तर राज्यों के मामले में यह सच है।

 उन्होंने यह भी कहा, “कनेक्टिविटी-चाहे भौतिक हो या डिजिटल, उसमेंनिवेश प्रवाह और आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने के लिए सुधार किया जाना आवश्यक है। उद्घाटन की गई इस नई परियोजना के तहत, अगरतला शहर के अंदर की और राजधानी के परिधीय क्षेत्र का सड़कों को 439 करोड़ रुपये के निवेश के साथ जलवायु-लचीली सड़कों में परिवर्तित किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल शहर की भीड़भाड़ को कम करना है, बल्कि अगरतला के निवासियों को बेहतर प्रकाश व्यवस्था, फुटपाथ, साइनेज, वर्षा जल निकासी और एक उपयोगिता गलियारे के माध्यम से बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इन विकास पहलों से शहरी बाढ़ को कम करके और वायु गुणवत्ता को बढ़ाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार आएगा।”

एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र में व्यापक बुनियादी ढांचा विकास के बारे में उपराष्ट्रपति ने इस बात पर संतोष जाहिर किया कि इस नीति का लाभ उठाते हुएत्रिपुरा सरकार ने राज्य में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई पहल शुरू की हैं। परिवहन संबंधी बाधाओं को कम करने वाली कई परियोजनाओं को सूचीबद्ध करते हुए श्री नायडू ने कहा कि राज्य में रेलवे नेटवर्क का पहले ही त्रिपुरा के सुदूर छोर तक – सबरूम तक विस्तार हो चुका हैऔर जलमार्गों को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जलमार्ग जल्दी ही परिवहन के एक कुशल और सस्ते साधन के रूप में उभर सकते हैं। एमबीबी हवाई अड्डे के उन्नयन और कैलाशहर हवाई अड्डे को चालू करने के प्रयासों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इन संयुक्त प्रयासों से त्रिपुरा में पर्यटन और अन्य उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।

उपराष्ट्रपति ने यह स्वीकार किया कि त्रिपुरा की उपजाऊ भूमि अनानास, कटहल, नींबू, संतरा जैसे फलों के लिए बहुत उपयुक्त है। उन्होंने भारत और विदेशों में इन फलों के लिए सही बाजार संपर्क बनाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अभी हाल में शुरू की गई किसान रेल त्रिपुरा को नई दिल्ली, कोलकाता और अन्य शहरों से जोड़ती है, जिससे त्रिपुरा के किसानों के लिए देश में अपनी उपज बेचने के लिए एक नया रास्ता खुल गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि हमारे स्वदेशी उत्पादों की वैश्विक लोकप्रियता को देखते हुएकेंद्र और राज्यों को हमारे बागवानी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने किसानों के लिए सूचना तक बेहतर पहुंच और कृषि-निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बेहतर ब्रांडिंग, मार्केटिंग और कनेक्टिविटी उपलब्ध कराए जाने आह्वान किया।

श्री नायडू ने त्रिपुरा में अभी हाल में शुरू किए गए‘अगर मिशन’ का स्वागत किया, जिसका उद्देश्य वर्ष 2025 तक राज्य में प्रति वर्ष 2000 करोड़ रुपये की अगर-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इससे न केवल त्रिपुरा में अगर-आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अधिक से अधिक अगर वृक्षों की रोपाई को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इससे इन लुप्तप्राय पौधों की प्रजातियों का संरक्षण और प्रसार हो सकेगा। यह देखते हुए कि केरल के बाद त्रिपुरा देश में प्राकृतिक रबर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है उपराष्ट्रपति ने रबर बागानों की सहायता करने और रबर आधारित उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा की।

यह देखते हुए कि त्रिपुरा में अगरबत्ती स्टिक उद्योग विगत में बांस की छड़ियों पर आयात शुल्क घटाने से बुरी तरह प्रभावित हुआ था,उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि भारत सरकार ने अब अगरबत्ती की छड़ियों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है जिसके कारण राज्य में यह उद्योग फिर से पनपना शुरू हो गया है। उन्होंने इस कुटीर व्यापार गतिविधि को बढ़ावा देने के लिएमुख्यमंत्री अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन नामक एक नई योजना शुरू करने के लिए भीराज्य सरकार की सराहना की।

श्री नायडू ने राज्य के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए यह उम्मीद जाहिर की कि मुख्यमंत्री श्री बिप्लब कुमार देव के नेतृत्व में त्रिपुरा सरकार लोगों के कल्याण के लिए काम करती रहेगी। शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्व पर जोर देते हुए श्री नायडू ने कहा कि सरकार की पहल का लाभ अंतिम लाभार्थी तक भी पहुंचना चाहिए। उन्होंने दोहराया कि सरकारी धन में कोई देरी, विचलन, कदाचार (डाइलूशन) नहीं होना चाहिए।बाद मेंउपराष्ट्रपति ने प्राथमिक क्षेत्र के सफलता प्राप्त करने वाले व्यक्तियों, स्वयं सहायता समूह के सदस्यों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की।

स्वयं सहायता समूहों के समर्पण और कड़ी मेहनत की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने में बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने इनके अनुभव को सुना और उनकी गतिविधियों और कल्याण के बारे में अनेक प्रश्न किए। स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बातचीत करते हुए उपराष्ट्रपति ने महामारी के दौरान देश के लिए की गई उनकी सेवाओं की प्रशंसा की और दूसरी लहर के दौरान उनके अनुभवों के बारे में गहरी दिलचस्पी दिखाई। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री बिप्लब कुमारदेव, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा भौमिक, त्रिपुरा के उप-मुख्यमंत्री श्री जिश्नू देव वर्मा, त्रिपुरा सरकार में  मुख्य सचिव डॉ. कुमार अलोक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस आयोजन के दौरान उपस्थित थे।

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