विजय गुप्ता, सारस न्यूज़, गलगलिया।
नशे के गर्त में डूब रही है
आज की युवा पीढ़ी,
कर्णधार कहलाते देश के
विकास की है जो सीढ़ी।
नशे की कालाबाजारी का
धुआँ घर-घर फैला,
तन मैला, मन मैला
हर खून हो रहा मैला।
कहाँ से आता नशे का धुआं
कौन है घर-घर लाता?
पुलिस प्रशासन, नाकाबंदी
कोई रोक ना पाता।
युवाओं में बढ़ती नशे की लत के
कौन है जिम्मेदार?
मूक प्रशासन, चुप समाज है,
क्यों मौन बनी सरकार?
नशा ना जाने बहु की इज्ज़त
ना बेटी का मान,
नशे की लत को पूरा करने
गिरवी रखा मकान।
क्षण भंगुर है मानव जीवन
इसकी कौन विसात?
नशा ना छोड़ा तो जीवन में,
होगा वज्र निपात।
बड़े पुण्य से मिला यह जीवन
इसे खुशी से जियो,
ना गांजा, ना हैश ना चरसी
ना शराब कभी भी पियो।
बिंदु अग्रवाल
