सारस न्यूज, किशनगंज।
निजी स्कूलों के पास यू-डाइस कोड नहीं तो सरकारी स्कूलों में टीसी को मान्यता नहीं मिलेगा। सरकारी स्कूलों में दाखिला के लिए यू-डाइस कोड वाले निजी स्कूलों के ही टीसी मान्य होंगे। शिक्षा विभाग के इस नियम से निजी स्कूलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आठवीं कक्षा तक के जिन स्कूलों ने अब तक यू-डाइस कोड नहीं लिया है। उसके छात्रों को सरकारी स्कूलों में नौवीं में दाखिला भी नहीं हो रहा क्योंकि उनकी टीसी अमान्य है। ऐसे एक या दो नहीं बल्कि हजारों छात्र हैं जिन्हें बगैर यू-डायस कोड वाले स्कूलों से आठवीं पास की है और आग की पढ़ाई सरकारी स्कूलों से करना चाहते हैं। पर टीसी की मान्यता न होने से उन्हें दाखिला नहीं मिल रहा।
बता दें कि पहले ही शिक्षा विभाग द्वारा तमाम निजी स्कूलों को ई-संबधन में रजिस्ट्रेशन और यू-डाइस कोड लेने को कहा था। लेकिन निजी स्कूल इस डर से यू-डाइस कोड नहीं लेते है कि उन्हें शिक्षा के अधिकार के तहत 25 फीसदी आरक्षित सीटों पर गरीब बच्चों का नामांकन लेना पड़ेगा। सभी निजी स्कूल यू-डाइस कोड लें इसके लिए विभाग ने यह नियम बनाया है । राज्यभर में आठ हजार से अधिक आठवीं तक चलने वाले निजी स्कूल हैं। इसमें से अभी तक दो हजार स्कूलों ने ही यू-डाइस कोड और ई-संबधन पर रजिस्ट्रेशन करवाया है। इन स्कूलों को जब तक यू-डाइस कोड नहीं मिलता, आगे स्कूल को सीबीएसई या आईसीएसई की भी मान्यता नहीं मिलेगी। निजी स्कूल के छात्र सरकारी स्कूल में नौवीं में दाखिला के लिए आए दिन आवेदन दे रहे हैं। सारे आवेदन की जांच संबंधित डीईओ कार्यालय द्वारा की जा रही है। ऑनलाइन जांच में जिन स्कूलों के पास यू-डाइस कोड है। वहीं के छात्रों का दाखिला लिया जा रहा है। आठवीं कक्षा का रिजल्ट जारी हो चुका है। इसके बाद 30 अप्रैल तक नौवीं कक्षा में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। निजी और सरकारी स्कूल को यू-डाइस कोड लेना होता है। इसका मतलब शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली होता है। राज्य या केंद्र सरकार द्वारा अगर किसी स्कूल की जानकारी लेनी होगी तो वो ऑनलाइन यू-डाइस कोड से ले सकती है। यह 11 अंक का होता है। इसमें दो कोड राज्य को दर्शाते हैं। उसके बाद दो अंक जिले को, दो अंक ब्लॉक और उसके बाद के तीन अंक गांव या शहर को दर्शाते हैं। अंत के दो अंक विद्यालय को दर्शाते हैं।
शिक्षा विभाग के निर्देश पर यह किया गया है। जिन निजी स्कूलों ने यू-डाइस कोड लिया है। उसी के टीसी को मान्य किया गया है। यू-डाइस कोड वाले निजी स्कूल से आठवीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के ही नामांकन होंगे।